शाम के साथ आता ख़ालीपन
वक़्त कटते कटता नहीं
हर जगह सिर्फ़ ख़ालीपन
तुम्हारे बग़ैर फैला हुआ ख़ालीपन
बेमानी सी ज़िंदगी का ख़ालीपन
कोई आँसू भर नहीं सकता ऐसा ख़ालीपन
किसिका इंतज़ार करता ख़ालीपन
अँधेरे का साथी ख़ालीपन
तनहाई से आदी ये ख़ालीपन
जाने वो कौनसीं शाम होगी
जब ये ख़ालीपन जगमगा उठेगा
जाने वो कौनसा पल होगा
जब ये तनहाई ख़त्म होगी
तुम्हारे आने का पल
वही होगी नई राह
वही होगा नया उजाला
-अनघा